क्या स्मार्टफ़ोन अब सुपरकंप्यूटर बन रहे हैं?
सोचिए, अगर आपकी जेब में रखा मोबाइल वही काम कर सके जो पहले सिर्फ़ बड़े-बड़े सुपरकंप्यूटर करते थे, तो कैसा होगा? यही चर्चा इस वक्त टेक दुनिया को हिला रही है।
स्पीड जो इंजन से भी तेज़
टेक रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले इस फ़ोन में ऐसा प्रोसेसर होगा जो रफ़्तार के मामले में लैपटॉप और डेस्कटॉप को पीछे छोड़ देगा। इतनी तेज़ स्पीड कि वीडियो एडिटिंग या 3D गेमिंग जैसे भारी काम भी कुछ सेकंड में हो सकेंगे।
बैटरी जो हफ़्तों चलेगी
सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात इसकी बैटरी है। बताया जा रहा है कि ये फ़ोन सिर्फ़ एक बार चार्ज करने पर कई दिन तक चालू रह सकता है। यानी बार-बार चार्जर ढूंढने की झंझट से पूरी छुट्टी।
कैमरा नहीं, जादू है
इस डिवाइस के कैमरे को सुपर-कैमरा कहा जा रहा है। तस्वीरें इतनी स्पष्ट और असली दिखेंगी कि आपको नज़र आएगा हर एक细 छोटा-सा डिटेल। यही कारण है कि इसे कंटेंट क्रिएटर्स और फ़ोटोग्राफ़र्स का सपना बताया जा रहा है।
क्या वाकई एप्पल और सैमसंग को टक्कर?
अब सवाल ये उठता है—क्या ये फ़ोन वाकई iPhone और Samsung जैसे दिग्गजों को चुनौती देगा? टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सभी फीचर्स सच साबित होते हैं, तो ये स्मार्टफ़ोन मार्केट का पूरा खेल बदल सकता है।
छुपा हुआ राज़ क्या है?
तेज़ स्पीड और पावरफ़ुल कैमरा तो पहली झलक है, पर असली खेल इसके सॉफ़्टवेयर और सिक्योरिटी फीचर्स में छिपा है। कहा जा रहा है कि यह फ़ोन यूज़र्स के डेटा को लगभग हैक-प्रूफ़ बना देगा। यानि टेक्नॉलजी में सुरक्षा का नया अध्याय।
नतीजा क्या निकलता है?
ये फ़ोन सिर्फ़ मोबाइल नहीं बल्कि जेब में रखा एक मिनी सुपरकंप्यूटर साबित हो सकता है। अगर ये बाज़ार में आता है, तो शायद हम सभी का मोबाइल इस्तेमाल करने का तरीका हमेशा के लिए बदल जाएगा।
अंतिम सवाल
क्या आप ऐसा फ़ोन खरीदना चाहेंगे जो आपकी जेब में रहते हुए भी सुपरकंप्यूटर जैसी ताक़त रखता हो? या फिर आपको लगता है कि ये सब बस टेक कंपनियों का झुनझुना है?
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